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रूस में बौद्ध दर्शन का असर, सांची विवि में डॉक्युमेंट्री का प्रदर्शन

- रुस में बौद्ध धर्म और भारत को लेकर उत्साह, रुस में 15 लाख बौद्ध
- लियो टॉल्सटॉय के लेखन में भी था बौद्ध दर्शन का असर
- कई विपश्यना मेडिटेशन सेंटर हैं रूस में

सांची बौद्ध भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय में रूस में बौद्ध दर्शन के असर और फैलाव पर रुस में पत्रकार रहे श्री अजय कमलाकर की डॉक्यूमेंट्री प्रदर्शित की गई। डॉक्यूमेंट्री के बाद अजय कमलाकर ने बताया कि रूस के तीन इलाकों में बौद्ध धर्म के करीब 15 लाख लोग मुख्यत: बसते हैं। बौद्ध धर्म भारत, चीन, मंगोलिया, सेंट्रल एशिया होते हुए रूस पहुंचा था। डॉ कमलाकर ने अपनी बनाई हुई इस छोटी सी डॉक्यूमेंट्री में यह भी बताया है कि कैसे इन इलाकों को देखने पर यह महसूस ही नहीं होता कि रूस में भी हिमालय और तिब्बत जैसा इलाका है। रूस मे यूरीयाटिया, ट्यूबा और कलानीसिया के स्वायत्त क्षेत्रों में मुख्यत: महायान बौद्ध धर्म के मानने वाले रहते हैं।

श्री अजय के अनुसार रूस में कम्यूनिस्ट शासन में किसी भी धर्म को मानने पर पाबंदी थी। लेकिन 1950 के बाद से ही रूस में धर्म पर लगाई गई पाबंदियां हटाई गईं और हर एक धर्म का मानने वाला पूरी आजादी से अपने धर्म की प्रेक्टिस कर सकता है। उनका कहना है रूस में कई सारे विपश्यना मेडिटेशन सेंटर खुल गए हैं जो कि लोगों को ध्यान करना सिखाते हैं। उन्होने सांची विवि और रुस के बौद्ध संस्थानों के बीच संबंध विकसित करने में सहयोग की भी बात कही।

डॉक्यूमेंट्री और बौद्ध दर्शन पर आधारित कई सारे प्रश्नों के जवाब में उन्होंने बताया कि रूस के विश्वविख्यात लेखक लियो टॉलस्टॉय के बारे में भी कहा जाता है कि उन्होंने बौद्ध धर्म का काफी गहराई से अध्ययन किया था और उसकी शिक्षाओं को अपने प्रतिदिन की दिनचर्या में शामिल किया था।

विश्वविद्यालय के छात्रों के बीच श्री कमलाकर ने बताया कि रूस के ज़ार निकोलस द्वितीय के शासन के दौरान बौद्ध भिक्षुओं को विभिन्न कार्यक्रमों के दौरान आमंत्रित किया जाने लगा था। उनका कहना था कि ज़ार निकोलस ने 1927 में समाधि भी ली थी। 2002 में उसकी समाधि को जब खोदा गया तो अध्ययन करने वाले डॉक्टरों का कहना था कि ऐसा महसूस हो रहा था कि मानो 24 घंटे पहले ही इस शख्स की मौत हुई हो।

सांची विश्वविद्यालय में छात्रों की जिज्ञासाओं का जवाब देने वाले श्री अजय कमलाकर लेखक एवं पत्रकार हैं। 2003-2007 के दौरान रूस की एक पत्रिका "रशिया बियॉन्ड द हेडलाइंस" के संपादक रहे। उन्होंने 2011-2017 के दौरान टाइम्स ग्रुप के समाचार पत्र सखालिन टाइम्स का संपादन भी किया। डॉ अजय रूस, श्रीलंका और स्वीडन में बौद्ध दर्शन, हिंदुत्व, व्यक्तित्व विकास जैसे विषयों पर विशेषज्ञता रखते हैं। पिछले दिनों उनकी किताब Globetrotting for Love and Other Stories from Sakhalin Island भी प्रकाशित हुई है।


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