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विद्या परिषद में कई विषयों पर अहम निर्णय

सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय में छात्रों को कई देशों में पढ़ा चुके प्रोफेसर्स से पढ़ने का मौका मिलेगा। विश्वविद्यालय की अंतर्राष्ट्रीय छवि के अनुरूप सांची विश्वविद्यालय की विद्या परिषद ने इन प्रोफेसरों के सांची विश्वविद्यालय को अपनी सेवाएं देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। सांची विश्वविद्यालय को बौद्ध अध्ययन पाठ्यक्रम के लिए थाइलैंड विश्वविद्यालय के श्री डियोन ओलिवर पीपुल्स तथा सामरिक अध्ययन (Strategic Studies) के लिए अमेरिका समेत कई विश्वविद्यालयों में पढ़ा चुके डॉ देबीदत्ता ओरबिंदो मोहपात्रा की सेवाएं मिलेगी।

भारतीय दर्शन, योग एवं अंग्रेज़ी भाषा के पाठ्यक्रमों के लिए भी प्रोफेसर स्तर के रिटायर्ड प्राध्यापकों की सेवाएं आमंत्रण आधार पर लेने को भी विद्या परिषद द्वारा मंज़ूरी दी गई। भारतीय दर्शन के लिए चेन्नई विश्वविद्यालय के रिटायर्ड प्रोफेसर जी मिश्रा, योग के लिए बैंगलोर योग विश्वविद्यालय के प्रो. एम. के श्रीधर तथा अंग्रेज़ी के लिए ग्वालियर विश्वविद्यालय के प्रो. ओपी बुधोलिया की सेवाएं ली जाएंगी। बौद्ध अध्ययन के लिए श्री डियोन ओलिवर पीपुल्स की सेवाएं 2017-18 यानी इसी सत्र में उपलब्ध होंगी।

इन पाठ्यक्रमों की गुणवत्ता के स्तर को बनाए रखने और छात्रों को उसके विषय में संपूर्ण ज्ञान प्रदान करने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है। सांची विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय बौद्ध दर्शन, वैदिक दर्शन तथा चीनी भाषा के विश्वस्तरीय पाठ्यक्रम हैं। विश्वविद्यालय द्वारा इस बारे में जर्मनी, जापान, चीन, श्रीलंका, कंबोडिया, विएतनाम के विश्वविद्यालय में अध्ययन करा चुके प्रोफेसरों से बातचीत चल रही है। ऐसा अनुमान है कि इन विश्वस्तरीय प्राध्यापकों की सेवाएं अगले सत्र से विश्वविद्यालय को प्राप्त हो सकेगी।

विद्या परिषद की बैठक में बोर्ड ऑफ स्टडीज द्वारा अकादमिक सत्र 2017-18 में प्रारंभ किए गए एमएफए भारतीय चित्रकला, भारतीय चित्रकला में एमफिल एवं पीएचडी, संस्कृत में सर्टिफिकेट कोर्स, एमए चाइनीज़ एवं चीनी भाषा में डिप्लोमा के पाठ्यक्रमों को भी मंजूरी दी गई।
एम.ए कोर्स के लिए हुआ खेमराज का चयन
सांची विश्वविद्यालय में चीनी भाषा डिप्लोमा के छात्र हैं खेमराज शर्मा

सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय के छात्र खेमराज शर्मा अब ताइवान में पढ़ाई करेंगे। उनका चयन ताइवान के नानहुआ विश्वविद्यालय में एम.ए कोर्स में हुआ है। वो नानहुआ विश्वविद्यालय में धार्मिक अध्ययन विषय पर एम.ए के साथ ही चीनी भाषा में डिप्लोमा भी करेंगे। खजुराहो के रहने वाले खेमराज शर्मा पिछले वर्ष सांची विश्वविद्यालय से चीनी भाषा में एक वर्ष का सर्टिफिकेट कोर्स कर चुके हैं। इस वर्ष उन्होंने बारला स्थित अकादमिक परिसर में चीनी भाषा के डिप्लोमा पाठ्यक्रम में एडमिशन लिया था।

पिछले एक माह से उनकी क्लासेस जारी थी , लेकिन ताइवान के विश्वविद्यालय में चयन के बाद अब इस पाठ्यक्रम को वो एम.ए पाठ्यक्रम के साथ नानहुआ विश्वविद्यालय से ही पूरा करेंगे। सोमवार को ताइवान के लिए रवाना हो रहे खेमराज के चयन की सबसे खास बात ये है कि उनकी पढ़ाई का खर्च या ट्यूशन फीस ताइवानी यूनिवर्सिटी वहन करेगी। नानहुआ विश्वविद्यालय द्वारा उन्हें रहने की सुविधा भी बगैर किसी फीस के मुहैया कराई जाएगी।

इस कोर्स के लिए खेमराज का दिल्ली में नानहुआ विवि की टीम द्वारा लंबा इंटरव्यू लिया गया। इंटरव्यू में सफलता के लिए खेमराज शर्मा ने सांची विवि की चीनी भाषा की सहायक प्राध्यापक प्राची अग्रवाल के मार्गदर्शन को विशेष श्रेय दिया। उनके मुताबिक सांची विश्वविद्यालय का चीनी भाषा कोर्स ने ही उनके लिए नए रास्ते खोले। खेमराज ने कहा कि वो सर्टिफिकेट कोर्स में एडमिशन नहीं लेते तो उन्हें विदेशी विश्वविद्यालय से पढ़ाई का सुनहरा मौका नहीं मिल पाता।
आसपास की स्वच्छता के साथ आचार-विचार में भी हो शुद्ध- कुलपति प्रो शास्त्री

सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय में स्वच्छता पखवाड़े के दौरान कई गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। परिसर एवं भवनों की सफाई के साथ ही इस दौरान अपने आस-पास को स्वच्छ रखने एवं पर्यावरण को संरक्षित रखने का संदेश देने की कोशिश की जा रही है। परिसर की सफाई के उपरांत कार्यक्रम में पहुंचे विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य प्रो यज्ञेश्वर एस शास्त्री ने स्वच्छता को साझा प्रयास के रुप में अपनाने की ज़रुरत बताई। उन्होने कहा कि स्वच्छता ना सिर्फ वातावरण और साधनों की होना चाहिए बल्कि हमारे विचार एवं आचार भी शुद्ध होना चाहिए। कुलपति महोदय ने पर्यावरण के महत्व को रेखांकित करते हुए पौधारोपण कर कार्यक्रम का समापन किया।

इस अवसर पर स्वच्छता पखवाड़ा के दौरान किए गए प्रयासों को पूरे वर्षभर जारी रखने का भी आव्हान किया गया। स्वच्छता पखवाड़ा में विश्वविद्यालय के सभी छात्र एवं अध्यापकगण द्वारा भागीदारी की जा रही है। विश्वविद्यालय अनुसंधान आयोग की पहल पर विश्वविद्यालयों एवं शैक्षिक संस्थानों में स्वच्छता पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान ग्रीन कैंपस डे, क्लीन कैंपस डे, क्लीन हॉस्टल डे, सबसे साफ हॉस्टल रुम जैसे कई आयोजन किए गए।
जिसमे सोच, विचार, चिंतन मनन हो वही भाषा है- नवल शुक्ल
भाषा धरती पर मनुष्य का पहला औज़ार थी- नवल शुक्ल
सफल प्रतिभागी हुए पुरस्कृत, भित्ती पत्रिका 'पारमिता' भी जारी

साँची बौद्ध भारतीय ज्ञान अध्यन विश्वविद्यालय में हिंदी दिवस पर हिंदी विभाग के ब्लॉग www.subishindi.blogspot.in की शुरुआत की गई। हिंदी विभाग के ब्लॉग पर विभाग एवं विवि के छात्र एवं कर्मचारियों के आलेख, कविताएं एवं अन्य जानकारी तथा हिंदी भाषा संबंधी रुचिपूर्ण लेख प्रकाशित किए जाएंगे। 14 सितंबर को हिंदी दिवस समारोह के मुख्य अतिथि एवं साहित्यकार श्री नवल शुक्ल ने कहा कि जिस भाषा में चिंतन, मनन ,सोच और व्यवहार हो वहीं भाषा है। उनके मुताबिक भाषा मनुष्य के भावों को व्यक्त करने के लिए व्यक्ति का पहला औजार थी। श्री शुक्ल ने कहा कि चेतना का स्तर स्वभाषा से ही बेहतर होगा। उनके मुताबिक प्रयोगों से सिद्ध हो चुका है कि २०० शब्दों से व्यक्ति के संवाद का काम चल सकता है लेकिन भाषा व्यक्ति को विविधता और व्यापकता देती है। श्री शुक्ल ने विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग की भित्ती पत्रिका 'पारमिता' को भी जारी किया। इस मौके पर विश्वविद्यालय के अंग्रेज़ी भाषा के सह प्राध्यापक प्रो नवीन मेहता ने कहा कि लोगों को चाहिए की वो भाषा को सीखे, समझे और भाषा के साथ स्वयं को भी उन्नत करें।

हिंदी सप्ताह के अवसर पर बारला स्थित अकादमिक परिसर में हिंदी भाषा पर आधारित विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गयीं। 12 सितंबर को निबंध एवं पोस्टर प्रतियोगिता हुई वहीं 13 सिंतबर को भाषण प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। मुख्य समारोह में कविता पाठ हुआ जिसमें छात्रों, कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेताओं को पुरस्कार स्वरूप किताब उपहार में दी गई।
जिन विजेताओं ने प्रथम पुरस्कार जीते उनके नाम निम्नानुसार हैं-

निबंध प्रतियोगिता- उमाशंकर कौशिक, पीएचडी छात्र योग
पोस्टर प्रतियोगिता - भारत जैन, पीएचडी पैन्टिंग
भाषण - गौतम आर्य, एमए संस्कृत
कविता पाठ- स्नेहलता, पीएचडी पैन्टिंग
नोबल पुरस्कार विजेता करेंगे छात्र-छात्राओं से संवाद
"वर्तमान परिप्रेक्ष्य में करुणा, दया और बालक" पर व्याख्यान
5 अक्टूबर 2017, गुरुवार को विवि के बारला अकादमिक परिसर में प्रात् 9.30 बजे व्याख्यान

नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित श्री कैलाश सत्यार्थी, 05 अक्टूबर को सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं से संवाद करेंगे। सांची विवि की विशिष्ट पद्धति और उद्देश्य से प्रभावित श्री सत्यार्थी मानव तस्करी और यौन शोषण के खिलाफ जारी भारत यात्रा के दौरान सांची विवि में विशिष्ट वक्तव्य के लिए वक्त देना स्वीकार कर लिया। सांची विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने कैलाश सत्यार्थी से आग्रह किया था कि वो "वर्तमान परिप्रेक्ष्य में करुणा, दया और बालक" विषय को अपने व्याख्यान का आधार बनाए। श्री सत्यार्थी को उपरोक्त विषय बहुत ही पसंद आया और उन्होने व्याख्यान हेतु सहमति दे दी।

कैलाश सत्यार्थी सुबह 09.00 बजे विदिशा से सांची विवि के बारला अकादमिक परिसर पहुंचेंगे जहां वो छात्रों से संवाद करेंगे एवं व्याख्यान देंगे। व्याख्यान के बाद छात्र बाल अपराध और समाधान और नोबल पुरस्कार विजेता के कर्मशील जीवन से जुड़ी जिज्ञासाएं और सवाल सीधे श्री कैलाश सत्यार्थी से करेंगे। उनके वक्तव्य से छात्र-छात्राओं एवं शोधार्थियों को सेवा, करुणा एवं बाल समस्याओं के क्षेत्र में एक नोबल पुरस्कार विजेता के अनुभवों का लाभ मिल सकेगा।

भारत यात्रा के दौरान कैलाश सत्यार्थी स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों के बच्चों से मुलाकात कर रहे हैं ताकि बच्चों के साथ होने वाले दैहिक शोषण एवं हिंसा तथा बाल अपराध के विषय में छात्रों को जागरुक किया जा सके और बाल अपराध के प्रति छात्रों को जागरुक किया जा सके। यह यात्रा कन्याकुमारी के शुरू हुई थी जो कि नई दिल्ली में समाप्त होगी।

कैलाश सत्यार्थी विदिशा ज़िले के रहने वाले हैं और उन्होंने यहीं के सम्राट अशोक इंजीनियरिंग कॉलेज से पढ़ाई की है। सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय दर्शन और प्राचीन भारतीय ज्ञान के पुनरुद्धार और उच्च कोटि के शोध को बढ़ावा देने के लिए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा गठित विश्वविद्यालय है। सांची विश्वविद्यालय वैकल्पिक शिक्षा केंद्र, शिक्षा के विभिन्न मॉडलों और पद्धतियों पर कार्य कर रहा है। विभिन्न शिक्षा पद्धतियों पर शोध के बाद विश्वविद्यालय ने अपना पाठ्यक्रम तैयार किया है।