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कैलाश सत्यार्थी का विशिष्ट व्याख्यान - "वर्तमान परिप्रेक्ष्य में करुणा, दया और बालक" पर व्याख्यान

नोबल पुरस्कार विजेता करेंगे छात्र-छात्राओं से संवाद
"वर्तमान परिप्रेक्ष्य में करुणा, दया और बालक" पर व्याख्यान
5 अक्टूबर 2017, गुरुवार को विवि के बारला अकादमिक परिसर में प्रात् 9.30 बजे व्याख्यान

नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित श्री कैलाश सत्यार्थी, 05 अक्टूबर को सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं से संवाद करेंगे। सांची विवि की विशिष्ट पद्धति और उद्देश्य से प्रभावित श्री सत्यार्थी मानव तस्करी और यौन शोषण के खिलाफ जारी भारत यात्रा के दौरान सांची विवि में विशिष्ट वक्तव्य के लिए वक्त देना स्वीकार कर लिया। सांची विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने कैलाश सत्यार्थी से आग्रह किया था कि वो "वर्तमान परिप्रेक्ष्य में करुणा, दया और बालक" विषय को अपने व्याख्यान का आधार बनाए। श्री सत्यार्थी को उपरोक्त विषय बहुत ही पसंद आया और उन्होने व्याख्यान हेतु सहमति दे दी।

कैलाश सत्यार्थी सुबह 09.00 बजे विदिशा से सांची विवि के बारला अकादमिक परिसर पहुंचेंगे जहां वो छात्रों से संवाद करेंगे एवं व्याख्यान देंगे। व्याख्यान के बाद छात्र बाल अपराध और समाधान और नोबल पुरस्कार विजेता के कर्मशील जीवन से जुड़ी जिज्ञासाएं और सवाल सीधे श्री कैलाश सत्यार्थी से करेंगे। उनके वक्तव्य से छात्र-छात्राओं एवं शोधार्थियों को सेवा, करुणा एवं बाल समस्याओं के क्षेत्र में एक नोबल पुरस्कार विजेता के अनुभवों का लाभ मिल सकेगा।

भारत यात्रा के दौरान कैलाश सत्यार्थी स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों के बच्चों से मुलाकात कर रहे हैं ताकि बच्चों के साथ होने वाले दैहिक शोषण एवं हिंसा तथा बाल अपराध के विषय में छात्रों को जागरुक किया जा सके और बाल अपराध के प्रति छात्रों को जागरुक किया जा सके। यह यात्रा कन्याकुमारी के शुरू हुई थी जो कि नई दिल्ली में समाप्त होगी।

कैलाश सत्यार्थी विदिशा ज़िले के रहने वाले हैं और उन्होंने यहीं के सम्राट अशोक इंजीनियरिंग कॉलेज से पढ़ाई की है। सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय दर्शन और प्राचीन भारतीय ज्ञान के पुनरुद्धार और उच्च कोटि के शोध को बढ़ावा देने के लिए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा गठित विश्वविद्यालय है। सांची विश्वविद्यालय वैकल्पिक शिक्षा केंद्र, शिक्षा के विभिन्न मॉडलों और पद्धतियों पर कार्य कर रहा है। विभिन्न शिक्षा पद्धतियों पर शोध के बाद विश्वविद्यालय ने अपना पाठ्यक्रम तैयार किया है।