
Shri Ashwani Kumar Singh Parihar
(MPFS)
Finance comptroller
Shri Ashwani Kumar Singh Parihar
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सांची बौद्ध भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय अपने नवनिर्मित भवन में शिफ्ट हो गया है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वैद्यनाथ लाभ व कुलसचिव प्रो. अलकेश चतुर्वेदी ने विश्वविद्यालय के इस भवन में फीता काटकर वैदिक व बौद्ध पूजा पद्धतियों के साथ प्रवेश किया। 120 एकड़ में फैले कैंपस के एक हिस्से में सबसे पहले तैयार हुए मैत्रेयी कन्या छात्रावास में विश्वविद्यालय के अकादमिक व प्रशासनिक कार्यालय को शिफ्ट कर दिया गया। कक्षाएं भी तत्काल इसी इमारत में जाएंगी। फिलहाल लाइब्रेरी व परीक्षा शाखाएं भी इसी इमारत में शिफ्ट की गई हैं।
कुलपति प्रो. लाभ ने मध्य प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव व संस्कृति मंत्री श्री धर्मेंद्र सिंह लोधी को नव निर्मित भवन सांची विश्वविद्यालय को दिए जाने का धन्यवाद ज्ञापित किया।
सलामतपुर-सांची स्थित इस परिसर में गर्ल्स हॉस्टल, ब्वॉयज़ हॉस्टल, लाइब्रेरी, अकादमिक बिल्डिंग व एडमिन बिल्डिंग तैयार हो रही हैं। ऐसी आशा की जा रही है कि आने वाले 6 महीनों में बाकी इमारतों का हैंडओवर भी सांची विश्वविद्यालय को मिल जाएगा। इसी परिसर में खेल मैदान व अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए रिहायशी इमारतें भी निर्मित होंगी।
सलामतपुर परिसर में सांची विश्वविद्यालय के भवनों का निर्माण मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग के द्वारा किया जा रहा है। सांची स्थित एमपीटी गेटवे रिट्रीट के पीछे स्थित भवन में विश्वविद्यालय पिछले दो वर्षों व इससे पूर्व सात वर्षों तक बारला स्थित परिसर से संचालित हो रहा था।
भवन के उद्घाटन के बाद कुलपति प्रो. लाभ व कुलसचिव प्रो. चतुर्वेदी ने सभी छात्रों, शिक्षकों व अधिकारियों-कर्मचारियों को नव निर्मित भवन में शिफ्ट होने पर बधाई के साथ-साथ नव वर्ष की बधाई दी।
इस अवसर पर प्रो. लाभ का कहना था कि नए परिसर में विश्वविद्यालय अपनी पूर्ण व्यापकता के साथ कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय आगामी अकादमिक सत्र से कई नए पाठ्यक्रमों को प्रारंभ करेगा। सांची, रायसेन, विदिशा, भोपाल के छात्र शासकीय दरों पर काफी कम खर्च में उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रम का लाभ उठा सकेंगे।
अगर आप ‘योग विज्ञान’ में मास्टर डिग्री कोर्स करना चाहते हैं तो ये आपके लिए सुनहरा मौका हो सकता है....और यदि आप अपने अंदर भारतीयता से परिपूर्ण एक संपूर्ण व्यक्तित्व विकसित करना चाहते हैं तो आपके लिए ‘भारतीय शिक्षा और समग्र विकास’ का पाठ्यक्रम फायदेमंद साबित हो सकता है।
सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय ने मास्टर डिग्री, एम.फिल शिक्षा हासिल करने के लिए दो नए पाठ्यक्रम जारी किए हैं। इन पाठ्यक्रमों और अन्य दूसरे पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने के लिए आपको ऑनलाइन आवेदन करना होगा। भारतीय शिक्षा और समग्र विकास में मास्टर डिग्री के अलावा एक वर्ष का पीजी डिप्लोमा का पाठ्यक्रम भी उपलब्ध है।
सांची विश्वविद्यालय द्वारा जारी की गई प्रवेश सूचना 2020-21 में भारतीय दर्शन, बौद्ध अध्ययन, वैदिक अध्ययन, संस्कृत, चीनी भाषा, इंडियन पेंटिंग, हिंदी, अंग्रेज़ी और पाली भाषा एवं साहित्य के पाठ्यक्रम भी उपलब्ध हैं।
पाली भाषा एवं साहित्य के पाठ्यक्रम के माध्यम से आप बौद्ध काल में पाली भाषा में लिखे गए ग्रंथों का अध्ययन करने में सक्षम हो सकते हैं।
सांची विश्वविद्यालय द्वारा जारी पाठ्यक्रमों में छह माह के सर्टिफिकेट कोर्स और एक वर्ष के डिप्लोमा कोर्स भी हैं। भारतीय चित्रकारी में यदि आपकी रुचि है तो आप इंडियन पेंटिंग्स में मास्टर ऑफ फाइन आर्ट(एम.एफ.ए) का कोर्स भी कर सकते हैं। विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु छात्र 21 सितंबर 2020 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। छात्रों को मेरिट के आधार पर एम.ए, एम.फिल, एम.एस.सी, एम.एफ.ए पाठ्यक्रम में मात्र साक्षात्कार के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा। साक्षात्कार 29 एवं 30 सितंबर को आयोजित होंगे।
हालांकि पी.एच.डी के इच्छुक छात्रों को प्रवेश परीक्षा और साक्षात्कार दोनों में सम्मिलित होना होगा। पात्रता मापदंड, प्रवेश प्रक्रिया, फीस, पाठ्यक्रम, साक्षात्कार, छात्रवृत्ति एवं अन्य जानकारी के लिए सांची विश्वविद्यालय की वेबसाइट www.sanchiuniv.edu.in पर लॉगइन किया जा सकता है। प्रवेश संबंधी प्रश्नों के लिए admission@subis.edu.in पर ईमेल से जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
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