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गीता के ‘ज्ञान’ एवं ‘कर्म’ योग पर होगी चर्चा

दिनांक 21.12.2020

                                गीता के ‘ज्ञान’ एवं ‘कर्म’ योग पर होगी चर्चा                                         

  • सांची विश्वविद्यालय द्वारा ऑनलाइन संगोष्ठी आयोजित
  • 22 दिसंबर, 2020 को दोपहर 0200 बजे से 0330 बजे तक आयोजन

सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय द्वारा “भगवद्गीता के परिप्रेक्ष्य में ज्ञानयोग एवं कर्मयोग का अनुशीलन ” विषय पर ऑनलाइन संगोष्ठी आयोजित की जा रही है। सांची विश्वविद्यालय के भारतीय दर्शन विभाग द्वारा ये ऑनलाइन संगोष्ठी कल यानी 22 दिसंबर 2020 को गूगल मीट पर दोपहर 0200 बजे से 0330 बजे तक आयोजित होगी।

अनुशीलन का अर्थ होता है ‘साधना’ या ‘अभ्यास’। इस ऑनलाइन संगोष्ठी में इस बात पर गहन चर्चा की जाएगी कि किस प्रकार से एक व्यक्ति के जीवन में ‘ज्ञान’ एवं ‘कर्म’ दोनों का सामन्जस्य होना आवश्यक है और इसी सामन्जस्य से व्यक्ति पूर्ण होकर मोक्ष को प्राप्त करता है।

छ्त्तीसगढ़ – अंबिकापुर के श्रीरामकृष्ण विवेकानंद सेवा आश्रम के सचिव स्वामी तन्मयानंदजी गीता में उल्लेख किए गए ‘ज्ञान योग’ के माध्यम से जीवन में अभ्यास के गुणों पर चर्चा करेंगे। जबकि, कोलकाता स्थित रामकृष्ण मिशन, बेलूर मठ के स्वामी यज्ञधरानंदजी गीता में उल्लेखित ‘कर्मयोग’ के माध्यम से श्रोताओं/दर्शकों को बताने का प्रयास करेंगे कि किस प्रकार से इसका अभ्यास एक सामान्य व्यक्ति भी अपने जीवन में कर सकता है।

इस ऑन लाइन आयोजन की अध्यक्षता सांची विश्वविद्यालय के कुलपति एवं म.प्र शासन संस्कृति विभाग एवं जनसंपर्क विभाग के प्रमुख सचिव श्री शिव शेखर शुक्ला करेंगे। आप सभी इस संगोष्ठी में आमंत्रित हैं। इस लिंक के माध्यम से आप ऑनलाइन संगोष्ठी में सम्मिलित हो सकते हैं-http://meet.google.com/qff-tyio-esq